रात आई तो वो जिनके घर थे, वो घर को गये, सो गये रात आई तो हम जैसे आवारा फिर निकले, राहों में और खो गये इस गली, उस गली, इस नगर, उस नगर जाएँ भी तो कहाँ, जाना चाहें अगर सो गयीं हैं सारी मंज़िलें, सो गया है रास्ता_____"जावेद अख़्तर"
Prisoner of Paradise