ख्वाहिशें December 06, 2015 वो कुछ ख्वाहिशों की परछाई थी जो ढलगयी। बाकी सब दबती जा रही है तर-बतर यादों की परतों के नीचे। Read more
Poem December 06, 2015 इतनी मिलती है मेरी कविताओं से तेरी शक्ल, लोग मुझे तेरा आशिक समझते होंगे। Read more
आवारा January 03, 2015 यहां-वहां... हर रोज चमकदार मिलते हैं उस मयखाने में भी तुम्हारे दिल के हकदार मिलते हैं। Read more
छोङ गये January 03, 2015 बस उनकी यादों में -वो माँऐ सारी रात पन्ने पलटती रही किताबों के जो छोङ गये वो। :( #Peshawar school attack :( Read more