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Showing posts from January, 2015

sunrise

रात भर से उसके ढलने का इन्तजार था। वो निकला और फिर से सुबह हो गई।

आवारा

यहां-वहां... हर रोज चमकदार मिलते हैं उस मयखाने में भी तुम्हारे दिल के हकदार मिलते हैं।

छोङ गये

बस उनकी यादों में -वो माँऐ सारी रात पन्ने पलटती रही किताबों के जो छोङ गये वो। :( #Peshawar school attack :(