Skip to main content

Posts

Showing posts from December, 2014

सर्द लहरें

 इन बहती सर्द हवाओं की लहरों में-  गिरते पतों का सरसराहट सा शोर है ओर  हिलती टहनियों की चरमर-चरमर सी आवाज हैं  बाकी सब धुमिल होती यादों का सनाटा हैं।